हैलो भाईयो और दोस्तो कैसे हो आप सब मै आप सभी का स्वागत करता हुँ । मेरी इस छोटी सी दुनिया Jankari Everything मे जहाँ मैं अलग - अलग तरहा कि जानकारी ( information ) लाता रहता हुँ । साथ ही मै कुछ ऐसी रोचक और अनसुनी बाते व कुछ टोपिक्स (Topics) भी लाता रहुँगा ।
तो आइए आपको लेकर चले मेरी इस knowlagde , intresting facts और information ( जानकारी ) से भरी इस शब्दो कि दुनिया मे ।जहाँ हम विकास की एक ऐसी कणी के बारे मे जानेगे । जिसने भेड़ियो को बदला इंसानो के बहुत अच्छे दोस्त कुत्तो मे ।
कुतो का विकास कैसे हुआ भेडियो से | How to evolve wolf into Dog in hindi
तो आइए आपको लेकर चले मेरी इस knowlagde , intresting facts और information ( जानकारी ) से भरी इस शब्दो कि दुनिया मे ।जहाँ हम विकास की एक ऐसी कणी के बारे मे जानेगे । जिसने भेड़ियो को बदला इंसानो के बहुत अच्छे दोस्त कुत्तो मे ।
तो दोस्तो ये कहानी है। आपकी मेरी और आपके कुत्ते की है। जादा समय नही हुआ जब कुत्ते नही थे उनका वजुद ही नही था । लेकिन अब तो कुत्ते बडे भी होते है छोटे भी चिपटकर बेढने वाले रखवाले और शिकारी भी जिस तरहा का कुत्ता आपको चाहिए मिलेगा । लेकिन ये हुआ कैसे ये सब आए कहाँ से बात सिर्फ कुत्तो की नही है। इतने तरहा के जीव क्यो है ।
हमारे इस छोटे से ग्रह पर तित्लिया,वेहल,समुंदरी घोडे,पेड़,कछुऐ और हाँ पृथ्वी पर एक ही तरहा का जीवन क्यो नही है। आखिर कहाँ से अलग अलग तरहा के जीव आए है। इसका जवाब हे बदलाव करने वाली वो ताकत जो सुनने मे किसी परी कथा जैसी लगती है। मगर हकीकत यंही है।चलिऐ वापस चले 30,000 साल पेहले उस समय मै जब कुत्ते नही थे । जब हमारे पुर्वज आखिरी शीत युग (ice Age) की कभी न खत्म होने वाली सर्दी मे रहते थे ।जितने भी पेड़ या जितने भी जानवर थे सब जंगली थे । हमारे घुमकण पुर्वज छोटे समुहो मे रहते थे वो खुले आसमान के नीचे सोते थे ।
हमारे इस छोटे से ग्रह पर तित्लिया,वेहल,समुंदरी घोडे,पेड़,कछुऐ और हाँ पृथ्वी पर एक ही तरहा का जीवन क्यो नही है। आखिर कहाँ से अलग अलग तरहा के जीव आए है। इसका जवाब हे बदलाव करने वाली वो ताकत जो सुनने मे किसी परी कथा जैसी लगती है। मगर हकीकत यंही है।चलिऐ वापस चले 30,000 साल पेहले उस समय मै जब कुत्ते नही थे । जब हमारे पुर्वज आखिरी शीत युग (ice Age) की कभी न खत्म होने वाली सर्दी मे रहते थे ।जितने भी पेड़ या जितने भी जानवर थे सब जंगली थे । हमारे घुमकण पुर्वज छोटे समुहो मे रहते थे वो खुले आसमान के नीचे सोते थे ।
आसमान मे ही उनकी कहानिया कैलेन्डर(Calender) और जिंदा रहने के काएदे(Rule)लिखे होते थे । आसमान ही उन्हे बताता था कि कब कडाके की सर्दिया आऐगी । कब जंगली अनाज पक कर तैयार होगा । और कब जंगली भैसो और हिरनो के झूंड पास से गुजरेगे वो जो भी खाते या पेहनते थे सब शिकार या जंगल से चुनकर लाते थे ।
और जिन जगाहो पर भरपुर खाना होता था वहाँ वो ज्यादा देर रुके रहते थे उनके लिए घर का मतलब था । ये पुरी पृथ्वी ।
और जिन जगाहो पर भरपुर खाना होता था वहाँ वो ज्यादा देर रुके रहते थे उनके लिए घर का मतलब था । ये पुरी पृथ्वी ।
बदलाव की कणी
हड्डी तो सारे भेड़ियो को चाहिऐ । मगर उनमे से ज्यादातर भेड़ियो इंसानो के करीब आने से डरते है । वो इसलिए डरते है क्योकि उनके खून मे स्ट्रेस हार्मोन का स्तर ज्यादा होता है।
dog
ये जिंदगी और मौत का सवाल है इंसानो के ज्यादा नजदीक जाना भेड़ियो के लिए जानलेवा भी हो सकता हे मगर कुछ भेड़ियो मे कुदरती वजाहो से इन हार्मोन का स्तर थोडा कम होता है । इसलिए उन्हे इंसानो से उतना डर नही लगता इन्ही वजहो से भेड़ियो के कुछ पुर्वजो ने 15 से 20 हजार साल पहले तलाश किया था । जिंदा बचे रहने का शानदार तरीका यानि इंसानो के लिए पालतु बनना । और ये कि इंसानो को शिकार करने दो उनके लिए खतरा नही बनो और उनके बचे कुचे खाने से पेट भरो इस तरहा खाना भी मिलता रहेगा और ज्यादा बच्चे भी पेदा होगे और वो बच्चे समुह को आगे बडाने का काम करेगे ।
ये जिंदगी और मौत का सवाल है इंसानो के ज्यादा नजदीक जाना भेड़ियो के लिए जानलेवा भी हो सकता हे मगर कुछ भेड़ियो मे कुदरती वजाहो से इन हार्मोन का स्तर थोडा कम होता है । इसलिए उन्हे इंसानो से उतना डर नही लगता इन्ही वजहो से भेड़ियो के कुछ पुर्वजो ने 15 से 20 हजार साल पहले तलाश किया था । जिंदा बचे रहने का शानदार तरीका यानि इंसानो के लिए पालतु बनना । और ये कि इंसानो को शिकार करने दो उनके लिए खतरा नही बनो और उनके बचे कुचे खाने से पेट भरो इस तरहा खाना भी मिलता रहेगा और ज्यादा बच्चे भी पेदा होगे और वो बच्चे समुह को आगे बडाने का काम करेगे ।
पालतु होने जाने का ये फैसला हर पिडी के साथ और मजबुत होता गया । जब तक की जंगली भेड़ियो की वो पिडी बदल नही गई कुत्तो मै आप चाहे तो इसे Survival of the friendliest भी कह सकते है और जाहिर हे इससे इंसानो को भी बहुत फायदा हुआ बचा कुचा खाने वाले कुत्ते सिर्फ सफाई का काम नही करते थे । वो हिफाजत भी(Protection) करते थे ।
इंसान और कुत्ते इन दोनो प्रजातियो की दोस्ती समय के साथ आगे बढती रही पर इस बीच कुत्तो का रंग रूप भी बदला खुबसूरत होने के भी फायदे होने लगे ।
जो कुत्ता जितना प्यारा दिखता था । उसे जिंदा रहने और अपने जिनस(Gins,गुण) दुसरी पिडी तक पहुचाने का ज्यादा मोका मिलता था । जो समझोता आपसी फायदे के लिए हुआ था ।वो धीरे धीरे गेहरी दोस्ती मे बदलता गया । इसके आगे क्या हुआ ये जानने के लिए हमे कुछ हजार साल पीछे के इतिहास को देखना होगा । जब शीत युग (ice Age) का मध्यान्तर (interval) हुआ था । मौसम के इस बदलाव ने बहुत कुछ बदल दिया । घुमकड बने रहने के बजाए ।
इंसान और कुत्ते इन दोनो प्रजातियो की दोस्ती समय के साथ आगे बढती रही पर इस बीच कुत्तो का रंग रूप भी बदला खुबसूरत होने के भी फायदे होने लगे ।
लोग एक जगहा बसने लगे इससे एक नई चीज भी सामने आई यानि गाँव(Village) शिकार करने और खाना डुंडने के अलावा लोग अनाज पेदा करना और कपडे बनाना भी सिख गए और खेती करना भी सिख गए ।
खाने का इंतजाम होता रहे इसके लिए भेड़ियो ने अपनी आजादी छोडदी अपना जोडिदार चुने का हक भी उनके पास नही रहा । अब ये काम इंसान करते थे ऐसे कुत्तो को मार दिया जाता था जिन्हे सिखाया नही जा सकता था या जो मालिक को ही काट लेते थे Breeding उनकी होती थी । जो इंसान को पसंद होते थे और वोहि कुत्ते पाले जाते थे जो इंसान के काम आते थे
खाने का इंतजाम होता रहे इसके लिए भेड़ियो ने अपनी आजादी छोडदी अपना जोडिदार चुने का हक भी उनके पास नही रहा । अब ये काम इंसान करते थे ऐसे कुत्तो को मार दिया जाता था जिन्हे सिखाया नही जा सकता था या जो मालिक को ही काट लेते थे Breeding उनकी होती थी । जो इंसान को पसंद होते थे और वोहि कुत्ते पाले जाते थे जो इंसान के काम आते थे
जैसे शिकार मे समुह संभालने मे हिफाजत करने मे सामान डुलाई मे और साथ देने मे । इंसान कुत्ते का वही बच्चा चुंता था जो उसे सबसे ज्यादा पसंद आता था ।
कई पिणियो के बाद कुत्तो मे बदलाव आ गए इस तरहा के विकास को कृत्रिम चयन ( artificial selection ) या प्रजनन (Breeding) कहते है । भेड़ियो को कुत्तो मै बदलकर हम इंसानो ने पेहली बार विकास का काम अपने हाथो मे लिया था और तभी से हम अपनी जरूरत के पेड पोधो और जानवरो के साथ ऐसा ही करते आ रहे है । 15 या 20 हजार सालो के समय से हमने भुरे रंग के भेड़ियो को तरह तरह के रंग रूप वाले कुत्तो मे बदल दिया है । जरा सोचिए कुत्ते कि जो भी प्रजाती आप देखते हे सब इंसान के हाथो विकसित हुई है । हमारे सबसे पसंदीदा और सबसे मशहुर Breed वाले ज्यादातर कुत्ते तो पिछली कुछ सदियो के दोरान ही तैयार हुऐ है । विकास कि इस जर्बदस्त ताकत ने भुखे भेड़ियो को समुह कि सुरक्षा करने वाले भरोसेमंद कुत्तो मे बदल दिया है । जो अब भेडियो को ही खदेडने का काम करते है ।
तो दोस्तो आज हमने जाना कि कैसे जंगली और खुखार भेडियो का विकास इंसान के सबसे अच्छे दोस्त कुत्तो मे हुआ ।
कई पिणियो के बाद कुत्तो मे बदलाव आ गए इस तरहा के विकास को कृत्रिम चयन ( artificial selection ) या प्रजनन (Breeding) कहते है । भेड़ियो को कुत्तो मै बदलकर हम इंसानो ने पेहली बार विकास का काम अपने हाथो मे लिया था और तभी से हम अपनी जरूरत के पेड पोधो और जानवरो के साथ ऐसा ही करते आ रहे है । 15 या 20 हजार सालो के समय से हमने भुरे रंग के भेड़ियो को तरह तरह के रंग रूप वाले कुत्तो मे बदल दिया है । जरा सोचिए कुत्ते कि जो भी प्रजाती आप देखते हे सब इंसान के हाथो विकसित हुई है । हमारे सबसे पसंदीदा और सबसे मशहुर Breed वाले ज्यादातर कुत्ते तो पिछली कुछ सदियो के दोरान ही तैयार हुऐ है । विकास कि इस जर्बदस्त ताकत ने भुखे भेड़ियो को समुह कि सुरक्षा करने वाले भरोसेमंद कुत्तो मे बदल दिया है । जो अब भेडियो को ही खदेडने का काम करते है ।
तो दोस्तो आज हमने जाना कि कैसे जंगली और खुखार भेडियो का विकास इंसान के सबसे अच्छे दोस्त कुत्तो मे हुआ ।
aws
ReplyDeleteYes it's aws
Deleteaws
ReplyDelete