shrimad bhagavad gita facts in hindi | श्रीमद्भगवद्गीता से जुड़े रहस्य और रोचक तथ्य

shrimad bhagavad gita facts in hindi | श्रीमद्भगवद्गीता से जुड़े रहस्य और रोचक तथ्य

shrimad bhagavad gita facts in hindi | श्रीमद्भगवद्गीता से जुड़े रहस्य और रोचक तथ्य 

ये तो हर कोई जनता है की श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagavad Gita) हिन्दुओ के पवित्र ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ में जीवन का पूरा सार दिया गया है। आज हम आपको गीता के बारे में जानकारी देगे उम्मीद है आपके काम आए।


shrimad bhagavad gita facts in hindi
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1. गीता महाभारत में छन्दों का सबसे महत्वपूर्ण संग्रह है।

2. पूरी दुनिया में हिंदू भगवद् गीता से परिचित हैं और हम सबने हमारी पीढ़ियों से इसकी महानता के बारे में सुना है।

3. गीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा युद्ध और जीवन के अर्थ को समझाने के लिए अर्जुन को दिए गए उपदेश की एक श्रृंखला है।

4. यह पांडव राजकुमार अर्जुन और उसके सारथी बने भगवान श्री कृष्ण के बीच एक महाकाव्य संवाद है।

5. महाभारत इस बात की पुष्टि करता है कि भगवान कृष्ण ने 3137 ई.पू. कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था विशेष ज्योतिषीय संदर्भों के अनुसार, 35 साल की लड़ाई के बाद वर्ष 3102 ई.पू. में कलियुग की शुरुआत हुई।

6. भगवद् गीता में 18 अध्याय हैं जिसमे कुल 700 छंद हैं और यह तीन हिस्सों में विभाजित है जिसमे प्रत्येक हिस्से में 6-6 अध्याय हैं।

7. यह देखा जा सकता है कि नंबर अठारह महाभारत में कई जगह प्रयोग हुआ है नम्बर अठारह का मतलब संस्कृत में “जया” होता है जिसका शाब्दिक अर्थ बलिदान से हैं 18 त्योहार, गीता में 18 अध्याय अक्षौहिणी अथार्त 18 जरासंध का 18 बार आक्रमण और कहा जाता है कि पांडवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी और कौरवों के पास 7 अक्षौहिणी तो कुल मिला कर हुई 18 इस प्रकार 18 अंक का महाभारत में बहुत महत्व है।

8. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन के आखिरी वर्षो में भगवद गीता में निहित बुद्धिमता में आत्मसात शुरू कर दिया! उसने कहा कि मुझे अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में ही भगवद् गीता में लिप्त हो जाना चाहिए था ऐसा ना करने का मुझे बहुत खेद है।

9. भगवद् गीता का पहला अंग्रेजी अनुवाद 1785 में चार्ल्स विल्किंस ने लंदन में किया था।

10. बहुत कम लोगो को ये भगवद् गीता का निष्कर्ष पता होगा कृष्णा-वाणी अनुसार “धर्म कि सभी किस्मों को त्याग कर मुझे और सिर्फ़ मुझे अपने आप को आत्म समर्पित कर दें” बहुत कम लोग इस निष्कर्ष को समझ पाते है इसीलिये यह तथ्य बहुत से लोगो को पता नही है।

11. भगवद् गीता को गीत क्यों कहा जाता है जबकि यह तो एक उपदेश है? क्योंकि यह एक ऐसे स्केल पर बोला गया जिसे Anushtup कहा जाता है प्रत्येक छंद में 32 अक्षर हैं मूलतः ये चार चार पक्तियों में विभाजित हैं जिसमे आठ अक्षर हैं एक विशेष छंद में Trishtup स्केल का प्रयोग किया गया है जिसमे हर चार पंक्तियों में 11-11 अक्षर हैं।

12. न केवल अर्जुन बल्कि 3 और लोगो ने सीधे कृष्णा से गीता का उपदेश सुना।

संजय (क्योकि उसे उपहार में दिव्य शक्ति मिली हुई थी)

हनुमान (क्योकि वह अर्जुन के रथ पर थे)

बर्बरीक (घटोत्कच का पुत्र)जो यह सब एक पहाड़ी के ऊपर से देख रहा था।

13. भगवद् गीता मूलतः शास्त्रीय संस्कृत में लिखी गयी है परन्तु इसे अब तक 175 भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है।

14. अदालत में गीता और कुरान की कसमें सिर्फ फिल्मों में दिखाई जाती है। हकीकत में ऐसा कुछ नही है… दरअसल यह सब 170 साल पहले खत्म हो चुका है लेकिन फिल्मों में आज भी ये सिलसिला चला आ रहा है। अंग्रेजों ने सोचा इस देश के लोग कल्चर के प्रति ज्यादा भावुक हैं इसलिए गीता या कुरान की कसम खाकर झूठ नहीं बोल सकते। इसलिए ये सब शुरू किया गया था।

15. गीता से हमें क्या-क्या सीख मिलती है।

मानसिक शांति और सौहार्द हासिल करने के लिए अपनी इच्छाओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।

मौत से डरना बेकार है मौत का अर्थ सिर्फ आत्मा का भौतिक संसार से आध्यात्मिक संसार में जाना है।

कर्म अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमेशा परिणाम के बारे में चिंता किए बिना पूरे समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए।

भगवान हमेशा हमारे साथ और हमारे आसपास होता है भले ही हम कहीं भी हो या कुछ भी कर रहे हो।

अन्य प्राणियों की ओर इंसान के मन में बुरी भावनाये इंसान के विनाश का कारण है। इनसे बचा जाना चाहिए।

ये तो सिर्फ चंद सीख है लेकिन अगर आप गीता के बारे में पूरा जानना चाहते है तो आपको इसे पढ़ना चाहिए। इसमें आपको जीवन का पूरा सार मिलेगा। वेबसाइट पर बहुत कम पोस्ट इसलिए डाली जा रही है क्योकि मेरी परीक्षा आ गई है जैसे ही दिसंबर के अंत में परीक्षा खत्म होगी आपको बहुत कुछ मिलेगा। बस आप हमारे साथ जुड़े रहिए।

 भगवान श्री राम से जुड़े रहस्य भरे रोचक तथ्य 

➜ भगवद् गीता में 18 अध्याय हैं जिसमे कुल छंदो की संख्या  700  हैं। 

 ➜ भगवद् गीता  तीन हिस्सों में विभाजित है जिसमे प्रत्येक हिस्से में 6-6 गीता अध्याय हैं।

➜ क्या आप लोग जानते है की नंबर 18 महाभारत का एक रहस्य्मयी नंबर है। 

  नंबर 18 को संस्कृत में "जया " कहते है , जिसका शाब्दिक अर्थ बलिदान से है। कहा जाता है की 18 त्यौहार , 18 अक्षौहिणी ,  जरासंध का 18 बार आक्रमण , पांडवो के पास 11 अक्षौहिणी सेना और कौरवों के पास 7 अक्षौहिणी सेना थी , जो कुल मिलकर  18 अक्षौहिणी सेना होती है।  श्रीमद्भगवद्गीता के अधयायों संख्या भी 18 है , इस तरह की   मान्यताओं  के अनुसार महाभारत  और गीता महाकाव्य में 18 अंक का बहुत महत्व है।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन के आखिरी वर्षो में भगवद गीता को पढ़ना शुरू कर दिया था , आपको जानकर हैरानी होगी की अल्बर्ट आईंस्टीन ने कहा कि मुझे अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में ही भगवद् गीता में लिप्त हो जाना चाहिए था ऐसा  नहीं करने का मुझे खेद रहेगा। 

 ➜ भगवद् गीता का पहला अंग्रेजी अनुवाद 1785 में चार्ल्स विल्किंस द्वारा  लंदन में किया गया था। 

➜ कहा जाता है की भगवद् गीता का निष्कर्ष कृष्ण वाणी के अनुसार  “धर्म कि सभी किस्मों को त्याग कर मुझे और सिर्फ़ मुझे अपने आप को आत्म समर्पित कर दें” है। 

➜ श्री भगवद् गीता को गीत भी कहा जाता है इसके पीछे अनेक लोगो की अलग अलग मान्यता है। '

➜ क्या आपको पता है की श्री कृष्ण द्वारा गीता का उपदेश सिर्फ अर्जुन ने ही नहीं सुना बल्कि उनके साथ तीन और लोगो ने गीता का उपदेश सुना था। 

संजय क्योकि संजय को वरदान में दिव्य शक्ति मिली हुई थी जिससे वो श्री कृष्ण द्वारा गीता  के उपदेश से परिचित हुआ। 

हनुमान जी ( श्री बालाजी महाराज ) हनुमान जी अर्जुन के रथ के शिखर पर बैठे हुए थे। और वो भी गीता का उपदेश सुन रहे थे। 

बर्बरीक (घटोत्कच का पुत्र)जो महाभारत के युद्ध को एक पहाड़ी के ऊपर से देख रहा था।

अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर के इतिहास से जुड़े  रोचक तथ्य 

➜ श्री  भगवद् गीता  को मूलतः शास्त्रीय संस्कृत में लिखा गया था , परन्तु इसे अब तक 175 भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है।

➜ ब्रह्मपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी इस तिथि का बहुत बड़ा महत्व है ,इस एकादशी को “मोक्षदा एकादशी” कहते है , यह तिथि गीता जयंती के नाम से भी प्रसिद्ध है।

  ➜ गीता से जुडी कुछ लाइनों का उपदेश

मानसिक शांति और सौहार्द हासिल करने के लिए अपनी इच्छाओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।

मौत से डरना बेकार है मौत का अर्थ सिर्फ आत्मा का भौतिक संसार से आध्यात्मिक संसार में जाना है।

कर्म अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमेशा परिणाम के बारे में चिंता किए बिना पूरे समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए। 

इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि कर्म किये जा फल की चिंता मत कर। 

भगवान हमेशा हमारे साथ और हमारे आसपास होता है भले ही हम कहीं भी हो या कुछ भी कर रहे हो।

अन्य प्राणियों की ओर इंसान के मन में बुरी भावनाये इंसान के विनाश का कारण है। इनसे बचा जाना चाहिए।

hello everyone my name is ROHIT DIGWAL and i am from new delhi India

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