interesting facts about cow | गाय को मारना कितना सही और कितना गलत

interesting facts about cow | गाय को मारना कितना सही और कितना गलत

गाय एक ऐसा साधारण सा जीव है । जिसे कुछ लोग पुजते है तो कुछ लोग एक भरने के लिऐ खाने वाली वस्तु के रूप में देखते है । दोस्तो आज हम कुछ ऐसी बाते लेकर आए है जिनसे हम जानेगे की

 गाय को मारना कितना सही और कितना गलत है ।




गाय को वेदो और पुराणो में कामधेनु के नाम से जाना जाता है। और गाय ही इंसानो के आस पास मोजुद एक मात्र ऐसा प्राणी है जिसके मल , मुत्र , दुध को पवित्र माना जाता है ।

वैज्ञानिक रिसर्च से पता चला है की गाय के दुध मे प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , मिनरल्स और विटामिन - डी होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक विकास में सहायक होता है ।

क्या आप जानते है की यज्ञ और हवन के दौरान गाय  के घी की आहुति देने से हवा में आॅक्सीजन का लेवल बड़ता है ।

दोस्तो वैज्ञानिक रिसर्च में ये भी साबित (proof) हुआ है । की गौमूत्र में कुछ ऐसे तत्व होते है जिनका का सेवन करने से कैंसर , टी.बी जैसी बिमारियों में फायदेमंद होता है । पेट संबंधी बिमारियो के लिऐ आयुर्वेद गौमूत्र के उपयोग की सलहा देता है ।

क्या आप जानते है की अमेरिका ने गौमूत्र के उत्पादो से जुडे़ 4 पेटेंट ले लिए है । अमेरिका हर साल भारत से गौमूत्र आयात करता है और उससे कैंसर की दवाईया बनाता है ।
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Facts of cow


गाय का दूध अमृत के समान है इसलिए जिन नवजात बच्चों की मां दूध नहीं पिला पाती हैं उन्हें गाय का दूध पिलाया जाता है।

गाय का दूध, मूत्र, गोबर के अलावा दूध से निकला घी, दही, छाछ, मक्खन सभी पौष्टिक होता है।

गाय को मां तुल्य कहा जाता है इसी कारण इतिहास के ऐसे बहुत सारे राजा हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में गौ-वध पर पाबंदी लगाकर हिंदुओं का दिल जीता था।

पंजाब केसरी महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान राज्य में गौहत्या पर मृत्युदंड का कानून बनाया था।

भारत में गाय की 30 नस्लें पाई जाती हैं जो रेड सिन्धी, साहिवाल, गिर, देवनी, थारपारकर आदि नस्लें भारत में दुधारू गायों की प्रमुख नस्लें हैं।

गोमूत्र (गाय का मूत्र) पंचगव्यों में से एक है। कुछ आधुनिक शोधों में इसके अत्यन्त गुणकारी औषधीय गुण बताये जा हैं।

गाय के दूध में 7 एमीनोएसिड के प्रोटीन को पाया जाता है जिससे हड्डियों का रोग नहीं होता है।

हाल ही में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि भारतीय गाय के दूध में मिलने वाले प्रोट्रीन से हृदय घात, डायबिटीज और मानसिक रोग को ठीक करने में अहम होता है।

नई रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि भारतीय नश्ल की गाय में सन ग्लैंडस होती है जो उसके दूध को पौष्टिक्ता के साथ औषिधी में बदल देती है।

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Benefit's of cow

लाल रंग की गाय के दूध के सेवन से शरीर उर्जावान होता है तो काले रंग की गाय का दूध पेट की गैस संबंधी बीमारियों से बचाता है।

गाय को लाल और हरे रंग का अंतर नहीं आता है।
गाय का दिल एक मिनट में 60 से 70 बार धड़कता है।
गाय के सुनने की शक्ति मानवों से अच्छी होती है।
आमतौर पर गाय का वजन 1,200 पौंड होता है।
गाय का नार्मल तापमान 101.5°F होता है।

एक दिन में गाय करीब 14 बार बैठती है और उठती है।
गाय करीब 40,000 बार जुगाली करती है, वो दांतों से घास को नहीं खाती है।

गाय के पास एक ही पेट होता है लेकिन उसमें चार तरह से डाइजेस्टिव कंपार्टमेंट होता है।

गाय 8 घंटे सोती है।
गाय उल्टी नहीं कर सकती।
गाय आमतौर पर 30-40 गैलन पानी पी जाती है।
गाय के केवल नीचले जबड़े में दांत होते हैं।
गाय के पास सूंघने की खासियत होती है।

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Indian cow

* वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है, ‍जबकि मनुष्य सहित सभी प्राणी ऑक्सीजन लेते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं। पेड़-पौधे इसका ठीक उल्टा करते हैं।

* विश्व की सबसे बड़ी गौशाला पथमेड़ा, राजस्थान में है।

* गौवंशीय पशु अधिनियम 1995 के अंतर्गत 10 वर्ष तक का कारावास और 10,000 रुपए तक का जुर्माना है।

* एक समय वह भी था, जब भारतीय किसान कृषि के क्षेत्र में पूरे विश्व में सर्वोपरि था। इसका कारण केवल गाय थी।

* भारतीय गाय के गोबर से बनी खाद ही कृषि के लिए सबसे उपयुक्त साधन थे। खेती के लिए भारतीय गाय का गोबर अमृत समान माना जाता था।

* किंतु हरित क्रांति के नाम पर सन् 1960 से 1985 तक रासायनिक खेती द्वारा भारतीय कृषि को लगभग नष्ट कर दिया गया। अब खेत उर्वर नहीं रहे। अब खेतों से कैंसर जैसी ‍बीमारियों की उत्पत्ति होती है।

* वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि गाय में जितनी सकारात्मक ऊर्जा होती है उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं।

* गाय की पीठ पर रीढ़ की हड्डी में स्थित सूर्यकेतु स्नायु हानिकारक विकिरण को रोककर वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं। यह पर्यावरण के लिए लाभदायक है।

* पंचगव्य का निर्माण गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर द्वारा किया जाता है।

* पंचगव्य कई रोगों में लाभदायक है।

* पंचगव्य द्वारा शरीर की रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों को दूर किया जाता है।

* पंचगव्य से गुजरात के बलसाड़ नामक स्थान के निकट कैंसर अस्पताल में 3 हजार से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज हो चुका है।

*पंचगव्य के कैंसरनाशक प्रभावों पर यूएस से पेटेंट भारत ने प्राप्त किए हैं। 6 पेटेंट अभी तक गौमूत्र के अनेक प्रभावों पर प्राप्त किए जा चुके हैं।

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